दूब दूर करती है कई बीमारियां
हमारे देश में हर जगह मिलने वाली दूब को सभी लोग जानते है। यह सदा हरीभरी रहती है तथा कहीं भी आसानी से उगाई जा सकती है। प्रांतीय भाषा में दूब को अमरी , अमृता , बहुवीर्य, भार्गवी, धूर्ता, दुवा, गौरी, हरिता, मंगला, आदि कहते है। दूब एक औषधीय पौधा है जो अनेक रोगों में लाभदायी है। इसका उपयोग धार्मिक कृत्यों में भी किया जाता है। आइये जानते है दूब से होने वाले लाभों के बारे में ।
1. उषाकाल में दूब पर पड़ी ओस की बूंदो पैर घूमने से जो आनंद मिलता है, उसका वर्णन नहीं किया जा सकता। ऐसा करने से नेत्र ज्योति बढ़ती है तथा सभी प्रकार के नेत्र विकार दूर हो जाते है ।
2. कफ, पित्त में दूब बहूत ही लाभकारी मानी जाती है ।
3 . दूब को पीस कर फटी एड़ियों पर लगाने से दरारे भरती है, खून रिसना बंद होता है तथा एडिया मुलायम रहती है ।
4. दूब के रस को हरा रक्त कहा जाता है । इसे पीने से शारीरिक कमजोरी दूर होती ।
5. इसके कड़े से कुल्ला करने से मुंह के छालों में आराम मिलता है ।
6. पित्त बढ़ने पर होने वाली उलटी में इसका रस पिलाना हितकारी होता है तथा बार - बार होने वाला गर्भपात भी रुक जाता है तथा गर्भाशय ताकतवर होता है ।
7. कुएं में लटकने वाली दूब को पीस कर इसके रस में मिश्री मिलाकर पिलाने से पथरी में लाभ होता है तथा दही में मिलाकर खाने से बवासीर में लाभ होता है ।
8. दाद में इसका रस तेल में पकाकर लगाना हितकर है ।
9. दूब की जड़ का काढ़ा बनाकर सेवन करने से वेदना शांत होती है तथा पेशाब खुल कर आता है।
10 दूब के रस के सेवन से ग्लूकोज स्तर कम होता है तथा शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है ।
11. मसूड़ों से बहने वाला खून रोकने के लिए इसके रस से कुल्ला करना हितकर है । दूब -हल्दी को मिलाकर, पीस कर शरीर पर लगाने से समस्त चमड़ी की बीमारियो में लाभ होता है ।
12. इसके सेवन से रक्तकणों की वृद्धि होती है तथा हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता ।
13. यह कोलोस्ट्रोल के स्तर को कम कर हृदय को बलवान बनाती है तथा अनिद्रा, थकान, तनाव जैसे रोग स्वतः ही समाप्त हो जाते है ।
14. अनेक स्वास्थ्य रक्षक, स्वास्थ्यवर्द्धक गुणों से भरपूर दूब का सेवन सबके लिए हितकर है । यह सभी उपचार उपाय सामान्य है । हाँ प्रयोग से पहले स्थानीय वैध से परामर्श जरूर करे ।
वैद्य हरिकृष्ण पांडेय "हरीश"
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