अनार में समाया है सेहत का सार
पुरानी कहावत है, एक अनार सौं बीमार | अनार के औषधीय गुण ही ऐसे है कि यह काफी बीमारियों से निजात पाने में हमारी सहायता करता है | इसके बारे में बता रहे है वैद्य हरिकृष्ण पांडेय 'हरीश'
- खांसी में इस फल का छिलका चबा कर चूसना लाभ देता है |
- मुंह में छाला या घाव हो तो इसके पेड़ की छाल को पानी में उबाल कर थोड़ा गुनगुना कर लें और उससे गरारे करें, काफी लाभ होगा |
- पेट की कीड़ों के लिए इसकी जड़ का काढ़ा पीना हितकर है |
- बदहजमी में इसके दानों के चार चम्मच रस में जरा सा भुना जीरा मिला कर सेवन करना हितकर है |
- सूजन होतो इसके पेड़ की छाल को पीस कर लुगदी बना कर उस जगह बांधना हितकर है|
- कब्ज में इसके दाने चबा कर खाने से लाभ होता है | चूस कर खाने से भूख खुल कर लगती है |
- बुखार में बार - बार प्यास लगे, गला सूखे तो इसके दानों का रस पिलाना फायदेमंद है |
- पेशाब में बदबू, पीलापन, जलन हो तो अनार के रस का सेवन लाभकारी है |
- अनार छिलका सूखा कर व जला कर पीस कर दांतो पैर मलने या मंजन करने से मसूड़ों की बीमारियां दूर होती है, दांत मजबूत और चमकीले होते है |
- सिरदर्द में इसकी छाल को चन्दन की तरह घिस कर माथे पर लेप लगाना उपयोगी है |
- नकसीर आने पर इसके पत्तों का रस एक - दो चम्मच पिलाने, पत्तों का लेप सिर पर लगाने से लाभ होता है |
- हाथ-पांवो की जलन में ताजा पत्ते पीस कर तलवों और हथेलियों पर मेहंदी की तरह लगाने से लाभ होता है |
- खांसी में इसके फल का छिलका चबा कर चूसने लाभ करता है |
वैद्य हरिकृष्ण पांडेय "हरीश"
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