जीव मात्र का प्राणदाता जल
वास्तव में जल यानि पानी प्रत्येक
प्र।णी का प्राण रक्षक है । भोजन के बिना जीव कुछ समय गुजार सकता है ,लेकिन पानी के बिना
नही ।
जब इसकी कमी होती है तो शरीर चिल्ला -चिल्ला कर पानी मांगता है 'जैसे गला सुखना,चक्कर आना ,आँखों में अँधेरा लगना आदि
लक्षण पानी की कमी के है । यानि पानी पीना है । इसके लिए बेध्यानी करने से शरीर में
डीहाइड्रेशन होना निश्चित है । इस लिए इस बात का ख़ास ध्यान रखे । जब भी प्यास लगे तुरंत
पानी पियें ।
पानी सभी प्राणी पीते है । लेकिन मनुष्य और
पशु -पक्षियों का पाचन तंत्र प्रथक होने के कारण मनुष्य
हर प्रकार का पानी नही पी सकता । यदि किन्ही कारणों से पी लिया गया तो परिणाम भी तुरंत
भुगतने पड़ते है ।
मानव मात्र पानी पीता है लेकिन अधिकतर लोग नही जानते
की कैसा पानी कितना कब और कैसे पीना चाहिए । वो सही तरीका क्या है
पानी पीने का ,यह लेख पढिये ।
पानी कैसे पिये:-
पानी घूंट -घूंट कर के धीरे धीरे चाय की तरह से पीना चाहिए
। पानी हमेशा (ओक ) हाथ की अंजली बना कर पानी पीना उत्तम ग्लास
से मध्यम और धार बांध कर ऊपर से गले में डाल
कर गटा -गट पीना निम्न श्रेणी में आता है ।
धीमी गति से पानी पीने से शरीर का तापमान अपने आप
नियत्रित होता है ।इसलिए होंठ लगा कर घूंट -घूंट कर पीना चाहिये ।
इसके विपरीत जो लोग खड़े खड़े, गर्दन उठा, कर गटा -गट धार बना कर गले में डालते है । वह
नितांत हानिकारक है । इससे (फ़ूड पाईप ) खाने की नली में वायु का प्रवेश हो
जाता है । जिसके कारण पाचन तंत्र प्रभावी होता है । भूख कम होने लगती है । पेट में
भारीपन होने लगता है । खट्टी डकारे भी आ सकती है । कालान्तर में जोड़ो एवं घुटनों में
दर्द होना संभव है ।
पानी कब पिये:-
जब भी प्यास लगे तुरंत पिये । भोजन के आधा घंटा पहले
और भोजन के एक घंटे बाद ही पानी पीना हितकर है ।
वजन नियत्रित करने वालो को भोजन से आधा घंटा पहले
दो ग्लास पानी पीना चाहिये । इससे पेट भरेगा ,भोजन कम खाया जायेगा । कमजोरी
भी नही आयेगी ,और वजन भी नही बढेगा ।
भोजन के तुरंत बाद पानी पीने से पाचक अग्नि मंद होती है । शरीर फूलता है । और कब्ज होने लगती है ।
अधिक मात्रा में पानी कब पिये: -
पथरी की सम्भावना वालो को भी पानी उचित मात्रा में पीना चाहिए ।
गर्म पानी पीने के लाभ :-
·
जुकाम,ख़ासी,कब्ज हो तो सवेरे ख़ाली पेट एक या दो ग्लास गर्म पानी पीना हितकर है । कब्ज हो तो आधा नींबू मिला कर गर्म पानी पीना लाभदायक है ।
·
सिरदर्द ,बदहजमी ,गैस आदि में गर्म पानी पीना
लाभकरी है ।
·
पसली का दर्द ,गले का दर्द या खराश, संग्रहणी , हिचकी जोड़ो का दर्द ,सूजन और गठिया से पीड़ित को
यह पानी हितकर है ।
·
लिवर को दुर्स्त करने के लिए
पेट के कीड़ो या पेट की सूजन ,पचीश वालो को भी यही पानी लाभकारी
है ।
·
(हार्ट ) ह्रदय सबंधी परेशानियो से बचने के लिए रात को सोते
समय गर्म पानी पीना हितकर है ।
·
सवेरे उठकर बिना मुंह धोये गर्म
पानी या सादा पानी पीना अन्दुरुनी अंगो का मददगार है । इससे चेहरा चुस्त होता है ।
कब्ज से राहत मिलती है ।
·
थकान या चिंता क्रोध युक्त को
एक ग्लास पानी पीलाने से शांति मिलती है ।
·
हमेशा और ज्यादा ठंडा पानी पीने
से गुर्दों पर कुप्रभाव पड़ता है ।
·
साफ्ट ड्रिंक की जगह गुनगुना
पानी नींबू मिला कर पीने से आपके शरीर की प्रतिरोधक
शक्ति बढती है ।
·
जोड़ो के दर्द वालों को गुनगुना
पानी बार बार पीना हितकर है ।
·
हल्का गर्म पानी पीने से पित्त
और कफ़ दोष उग्र नहीं होते । बासी पानी वात और कफ़ को बढाता है ।
घर के पानी को शुद्ध करने का घेरलू तरीका है ,पानी को आधा घंटा खूब
उबाल कर ठंडा कर मटके (घड़े ) में भर लें उबालते
समय अदरक डालना भी गुणकारी है । हमेशा ताज़ा पानी का प्रयोग करे
।
पानी कौन कैसे पिये:-
नवप्रसूता को अधिक पानी नही पीना चाहिये । प्रसूता को पानी के स्थान पर गुनगुना दूध
देने से तरलता
बनी रहेगी । फ़्रिज का पानी वर्जित है ।
बच्चे को सवा महीने बाद ही पानी दे ।
अधिक उम्र वाले समय समय पर पानी का ध्यान रखे ।
चाय ,कॉफ़ी ,ककड़ी ,खरबूज ,तरबूज के और सम्भोग के बाद
पानी पीना हानि कारक है ।
धूप से आने के बाद भी तुरंत पानी न पिये ।
ये सभी उपाय, उपचार सामन्य है । प्रयोग से पहले स्थानीय चिकत्सक से परामर्श लेना आवश्यक है ।
वैद्य हरिकृष्ण पांडेय 'हरिश '
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