बढती आयु में रहे स्वस्थ
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रोग कभी भी
किस भी उम्र में हो सकता है किस मौसम में कौनस रोग हो ये भी जरुरी नहीं है । लेकिन
यह भी सच्चाई है की ढलती उम्र में कौनसी बीमारी कब आ दबाये । इसलिए स्वास्थ्य के प्रति
हमेशा सजग रहे इसी में भलाई है । बूढ़े लोगों को बीमारियाँ जल्दी क्यों पकडती है उसका
मूल कारण है , उन लोगो के शरीर की प्रति रोधक शक्ति क्षीण होना। जो किसी भी मौसम के
प्रभाव को सहन करने में असक्षम होते है । अब सर्दी की शुरआत है, इस मौसम में सर्दी , जुकाम,ख़ासी, निमोनिया, श्वास {दमा } , खाज , खुजली , आदि कई रोग पनपने लगते
है । समय रहते सावधानी बरती जाये और घरेलू उपचारों का सहरा लिया जाये तो आने वाली परेशानी
से बचा जा सकता है ।
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खासी , जुकाम - होने पर हल्दी का प्रयोग लाभदायक है । आधा चम्मच
{पीसी हुई } हल्दी शहद में मिलाकर
दिन में दो बार लेना या आधा चम्मच हल्दी एक कप गर्म पानी में डालकर चुटकी भर काली मिर्च
का चूरन और शहद मिलाकर दिन में दो बार लेना हितकर है । आधा चम्मच हल्दी भुनकर शहद में
मिलाकर लेने से लाभ होगा ।
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निमोनिया से बचाव के लिए बुजुर्गो को ठण्ड सर्दी से
पूरा बचाव करना चाहिए। हमेशा गर्म कपडे पहनने चाहिए । गर्म वातावरण में ज्यादा रहे
।सवेरे की धूप इन लोगो के लिए लाभकारी है सौठ
के चूर्ण को आधा चम्मच गर्म पानी से लेना, गर्न पानी से सेक करना, सरसों के
तेल में लहसुन जलाकर ठंडा होने पर छाती पर लगाना, लाभकरी है । साथ ही गर्म पानी पीना
भी हितकर है ।
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श्वास [दमा} - के प्रकोप होने पर हल्दी चूरन एक चम्मच शहद के साथ या तुलसी के पत्ते
पानी के साथ पीसकर शहद के साथ या केला छिलका
समेत भुभल में भुन कर छिलका उतार कर काली मिर्च बुरक कर खाना लाभकरी है । पीपल के सूखे
फल {पिपली } सुखा कर बनाये चूर्ण को सवेरे-शाम एक-एक चम्मच कोसे पानी से
लेना हितकर है ।
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खाज कुजली
हो तो तेज धूप से बचाव, साबुन का त्याग करे, अन्दर के वस्त्र गर्म पानी में
धोये यथा संभव बिस्तरों को धूप में डालें, सरसों के तेल या तिल के तेल से
धूप में बेठ के मालिश करना हितकर है ।परेशानी ज्यादा हो तो शुद्ध गंधक तेल में मिला के लगाना और शहद के
साथ खाना हितकर है ।
वैद्य हरिकृष्ण पांडेय 'हरिश '
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