सिर दर्द एक कारण अनेक
सिर दर्द एक कारण अनेक
बोलचाल में या किसी से पीछा छुड़ाने के लिए अक्सर सिर दर्द का शब्द का प्रयोग होता है। लेकिन कहने में और महसूस करने में बड़ा अंतर है। सर दर्द जिसको होता है, वही जानता है। जब दर्द शुरू होता है तब हल्का हल्का होता है। लेकिन जब इसका प्रकोप बढ़ता है। तो आँखे लाल हो जाती है। भौंहे तन जाती है, और बेचैनी बढ़ जाती है। यह इतनी आम बीमारी है कि इसके मरीज आस -पास बिना ढूंढे ही मिल जाते है।
सिर दर्द पैदा होने के कई कारण जैसे रक्तचाप का बढ़ना, कब्ज रहना, नजला - जुकाम होना, शरीर का भारीपन आदि है। इसके अलावा आँखों की किसी बीमारी या नजर कमजोर होना भी इसके कारण है। ऐसे में बिना देर किये नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। लगातार टीवी देखने, कंप्यूटर पर लगातार काम करने तथा खुली आँखों से वैल्डिंग करने वालो में भी इस तरह की समस्या देखी जाती है। ऐसे में कुछ जरुरी उपाय:
- मौसम के हिसाब से ठन्डे अथवा गर्म पानी से नहाना चाहिए।
- सिर को सुखाने के लिए सूखे तौलिया रगड़ना चाहिए।
- कब्ज न रहने पाए इसके लिए शीघ्र पचने वाला भोजन लेना चाहिए। हरी सब्जिया खुब खानी चाहिए।
आजकल सूखे बाल रखने का फैशन हो गया। यह सिर में खुश्की पैदा करता है। इससे भी दर्द हो सकता है। सुबह घूमना लाभकारी है। कब्ज होने पर चार चम्मच इसबगोल की भूसी रात को दूध से लेने पर लाभ होता है। गुलकंद एक चम्मच दूध या पानी से लेना लाभदायक है।
त्रिफला चूर्ण या पंच स्कार चूर्ण एक चम्मच गर्म पानी से लिया जा सकता है। षड़विन्दु तेल दोनों नाको में दो दो बून्द सुबह शाम डालना उपयोगी है। नाभि में सरसो का तेल लगाना लाभकारी है। लइमी विलास रस एक गोली शिर:शूल वज्र रस एक गोली सुबह शाम गर्म पानी से लेना चाहिए। हरे धनिये की पत्ती पीसकर माथे, कनपटी पर लेप करना हितकर है। सौंठ को घिस कर चंदन की तरह लगाना आराम दायक है।
यह प्राथमिक उपचार है, समयानुसार स्थानीय चिकित्सक से परामर्श आवश्यक है।
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