आपको ब्लूडप्रेशर तो नहीं
आपको ब्लूडप्रेशर तो नहीं
इस मौसम में रक्तचाप भी बढ़ जाता है। कारण स्पष्ट है कि पसीना नहीं आता है, पानी काम पिया जाता है। इसी क्रम में त्वचा से सम्बंधित कई बीमारिया भी हो जाती है।
रक्तचाप बढ़ने पर रोजाना खाली पेट एक सेब खाएं। गाजर, लौकी की खीर या सब्जी खाना भी लाभदायक है इसमें नमक का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए।
कनपटियों पर मक्खन की हलकी मालिश उपयोगी है। सवेरे घूमना ब्लड प्रेशर वालों के लिए वरदान है
सर्पगंधा घनवटी दो-दो दिन में दो बार पानी से लेना लाभ करता है। यथाशीघ्र अपने चिकित्स्क से परामर्श भी आवश्यक है
इस मौसम में या तो पसीना ही नहीं आता, आता है तो भी कपड़ो में ही रह जाता है। हाथ-पैर ठंड के कारण फटने लगते है। खुश्की के कारण बदन में खुजली होने लगती है। हाथ-पैर को जंहा खुला दो वंहा सफेद सी धारी बन जाती है। यह सब खुश्की के कारण होता है।
सप्ताह में एक बार सरे बदन पर तेल की मालिश अवश्य करे। कब्ज न रहने पाए इसका ध्यान रखना चाहिए। पेट साफ़ न हो तो इसबगोल की भूसी चार चम्मच रात को सोते समय दूध से लेना चाहिए।
नीम के पत्तो को पानी में उबाल कर नहाना चाहिए। साबुन का प्रयोग कम करना चाहिए। तेल, चटपटे तेज मसालों का प्रयोग बिलकुल नहीं करना चाहिए। गंध का रसायन आरोग्य वर्धन वटी एक-एक गोली सुबह-शाम पानी से लेना चाहिए।
नीम तेल का प्रयोग लाभकारी है। गोले के तेल में कपूर मिला कर लगाना भी लाभदायक है।
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