बेल से कई रोगों का सफाया
बेल से कई रोगों का सफाया
हैजा रोग विबियो कोलेरी बैक्टीरिया से फैलता है। इसका असर आंतो में होता है। उल्टी, दस्त आते रहते हैं। समय से उपचार ना होने पर मृत्यु भी हो सकती है। गंदे पानी, कटे फल और अन्य खाद्य पदार्थ के सेवन से यह रोग फैलता है। उक्त खाने-पानी की चीजों में सारी जीवाणु होते हैं। अनजाने शरीर में चले जाते हैं उनके आक्रमण से हैजा उल्टी दस्त आदि होने लगते हैं। जी मिचलाने लगे, बार-बार दस्त होने लगे, उल्टी आने लगे आंतो में ऐंठन होने लगे, दिल घबराने लगे तो सावधान हो जाएं यह हैजा के लक्षण हो सकते हैं। समझ लेना चाहिए कि शरीर में पानी की कमी हो चुकी है। ऐसी स्थिति में बिना देर किए प्राथमिक उपचार तुरंत शुरू करना चाहिए।
- प्याज का रस एक चम्मच, जरा सी काली मिर्च, सेंधा नमक मिलाकर पिलाना लाभकारी है।
- बेलपत्र का फल का गुदा सौंठ मिलाकर पानी में उबाल देना लाभकारी है नींबू की शिकंजी थोड़ी थोड़ी देर में पिलाना, बर्फ चूसना लाभकारी है। 10 लॉन्ग पानी में उबालकर ठंडा करके एक एक चम्मच खाना लाभकारी है।
- तारपीन का तेल हाथ पैर पर लगाना हितकर है। अमृतधार पांच बूंद एक गिलास पानी में मिलाकर पिलाने से जल्दी फायदा होता है। पानी उबालकर ठंडा करके ही पिलाना चाहिए।
- खाने वाला सोडा पानी में घोलकर पेट पर नाभि के नीचे लेप करना हितकर है।
- जायफल को चंदन की तरह घिसकर लगाने से बेचैनी और ऐंठन नहीं होती। पुदीना के पत्ते पीसकर पानी में जरा-सी चीनी मिलाकर पिलाना चाहिए।
- चित्रकादि वटी 2-2 गोली, महाशंख वटी दो-दो गोली, अग्निकुमार रस दो-दो गोली या संजीवनी वटी एक गोली गुनगुने पानी से देना लाभकारी है।
- छोटी इलायची के बीज का चूर्ण 1 ग्राम बेलगिरी का चूर्ण 5 ग्राम पानी से देना लाभकारी है.
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