ज़रा संभल के लू के दिन है
ज़रा संभल के लू के दिन है
भीषण गर्मी चल रही है लू। के थपेड़ो से बुरा हाल है फिर भी चैन से ठंडी जगह बैठना सबको नसीब नहीं होता है। जब धुप में निकलना जरुरी ही हो जाये, तो प्राथमिक उपचार की मदद से तमाम परेशानियों से बचा जा सकता है। घर से निकलने से पहले पानी खूब पियें। पेट भर भोजन करके ही बाहर निकले।
सिर पर टोपी या मोटा कपडा लपेटें।
आँखों पर संभव हो तो चश्मा लगाए, नहीं तो आँखों पर कपडा लपेटे।
सूती कपडे पहने।
सलाद में प्यास खूब ले। लू लगने के कारण पतले दस्त आने लगे, शरीर का तापमान बढ़ने लगे, जी मिचलाने लगे या उलटी हो, गला सूखने लगे, चककर आने लगे, घबराहट होने लगे या शरीर में खुजली होने लगे तो तुरंत प्राथमिक उपचार करे।
छाया में ठंडी जगह बैठ जाये।
पसीना सूखने पर पानी पिए। पानी गिलास से न पीकर हाथ की अंजली बना कर पीना लाभकारी है। पैर को ऊँचा करके ठण्ड में लेटना लाभ करता है।
सिर, गर्दन, काख और पेडू पर बर्फ की पट्टी रखना लाभकारी है।
चंदन घिस कर माथे पर लेप करना उपयोगी है। हरा धनिया पीस कर कनपटियों पर माथे पर लेप करना लाभ करेगा। पोदीना पीस कर पानी में घोल कर चीनी मिला कर लेना हितकर है। कच्चा आम इसको कैरी भी कहते है लू लगने पर अमृत का काम करता है। कच्चा आम लेकर आग में भून ले या उबाल कर मथ कर पानी और चीनी मिला कर पिलाना जल्द राहत देता है।
घर से निकलने से पहले चाय के बदले सत्तू पानी में घोलकर पीना लू से बचाव करता है। सत्तू बाजार में बना बनाया भी मिलता है। जौ, चने भुनवा कर पीस कर घर में भी बनाया जा सकता है।
निम्बू की शिकंजी, ठंडाई, खस, चंदन, गुलाब का शर्बत इस मौसम में लाभकारी है।
प्याज को भून कर जीरा और मिश्री पीस कर मिला कर खाने से लू का प्रकोप काम होगा। तुलसी के पतों का रस एक दो चम्मच चीनी मिला कर पिने से लू का असर दूर होता है।
इमली को पानी में भिगोकर मथ कर पानी में मिलाकर पीना लू में लाभ करता है।
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