पाचन सही तो मलेरिया दूर
पाचन सही तो मलेरिया दूर
आयुर्वेद के अनुसार 1 दिन छोड़कर आने वाले बुखार को भी (विषम ज्वर) मलेरिया कहते हैं। विपरीत दिनचर्या दूषित भोजन पाचन क्रिया को विकृत करते हैं। यही विकृति इसे पैदा करती है। आधुनिक चिकित्सकों के अनुसार एनफीलिज एक मादा मच्छर के काटने से प्लाज्मोडियम उत्पन्न जीवाणु के कारण ही मलेरिया होता है।
लक्षण:- इस रूम में मरीज को सिर दर्द और उल्टी की शिकायत होती है, पसीना खूब आता है जिससे बुखार हल्का हो जाता है या उधर भी जाता है। सर्दी लगकर बुखार आना इसकी खास पहचान है। सभी रोगियों को एक दिन छोड़कर बुखार आए यह जरूरी नहीं बुखार आने के समय में अंतर भी हो सकता है।
प्राथमिक उपचार:- रोगी को कब्ज से छुटकारा दिलाने का प्रयास करना चाहिए। रात को सोते समय ईसबगोल की भूसी दूध से 3 चम्मच दे।
- विषम ज्वर होने पर बुखार चढ़ने और सर्दी लगने की समय दवा नहीं लेनी चाहिए।
- इसमें तुलसी का सेवन बहुत लाभकारी है। इसके पत्तों के रस, एक चम्मच के साथ लक्ष्मी विला रस की गोली पीसकर मिलाकर देना लाभकारी है।
- तुलसी के पत्तों की चाय बनाकर पिलाने से ज्वर में लाभ होता है। अजवाइन और तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर छानकर पिलाने से बुखार मे लाभ होता है। इसमें काला नमक काली मिर्च पीसकर मिलाएं और अच्छा है।
- नीम की पत्तियां चबाने से तथा चिरायता का काढ़ा पीने से भी मलेरिया में लाभ होता है।
- गिलोय का काढ़ा गिलोय का रस मलेरिया में उपयोगी है।
- सुपाच्य भोजन ले चीकू, सेब , अंजीर आदि फल उपयोगी है।
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