पुदीने से दोस्ती स्वास्थ्य की सुरक्षा
पुदीने का नाम गांव से लेकर महानगरों तक प्रसिद्ध है इसका नाम सुनते ही मुंह में पानी आने लगता है निषाद स्वास्थ्य और सुगंध तीनों का समावेश है।
इस की पैदावार यूरोप तथा पश्चिम एशिया में मुख्य रुप से होती थी अब तो भारत के विभिन्न भागों में प्रचुर मात्रा में पैदा होता है।
उत्पत्ति भेद के कारण यह तीन प्रकार का माना गया है पुदीना बरी दूसरा पर्वतीय कोही कथा थर्ड को जलीय पोदीना लहरी नाम से जाना जाता है।
प्रांतीय वेद के कारण पुदीना कुत्तिया पुदीना पूजन और स्पेयर मेंट के नाम से भी जाना जाता है।
पुदीना के अन्य प्रयोग और औषधि का काम कर स्वास्थ्य रक्षा करते हैं इसे साधारण जड़ी बूटी का पेड़ पौधा जो भी समझे स्वास्थ्य रक्षा के गुणों का समूह है बस चाहिए जरा सी जानकारी।
इसी संदर्भ में इसकी कुछ घरेलू उपचार उपायों से परिचय का प्रयास यह है
घरेलू उपाय
१. पेट में दर्द हो तो इसकी पत्तियों को पीसकर पानी में जरा सा सेंधा नमक डालकर पीने से लाभ होता है।२. मुंह की बदबू, पान गुटखा, तंबाकू खाने वालों को अक्सर या समस्या रहती है उनको पुदीने की 3से 4 पत्तियां चबाने मात्र से राहत मिलती है।
३. पाचन क्रिया, अपच, गैस, कब्ज से परेशान लोगों को इसका नियमित अपनाने से लाभ होता है।
४. उल्टी में इसका रस पिलाना हितकारी है।
५. हिचकी आ रही हो तो तीन चार पत्ती चबा लेना हितकारी है।
६. लू लगने पर इसका रस अमृत के समान हितकर है।
७. कील मुहांसों पर इसके पत्तों को पीसकर लेप लगाना लाभकारी है।
८. गले में जमे कफ या बलगम से परेशान हो तो इसका सेवन गुणकारी है।
९. मांसपेशियों तथा जोड़ों के दर्द में इसके तेल की मालिश हितकर है।
१०. सिर दर्द में इसके पत्तों की चाय पीना लाभ करता है।
११. बालों को झड़ने से रोकने में मदद करता है इसका तेल।
१२. घाव भरने के लिए इस का रस लगाने से पुराना घाव भर जाता है।
१३. चर्म रोग सभी प्रकार के चमड़ी के रोगों में नहाते समय इसके पत्तों का लेप हितकर है।
१४. हैजा रोग में पुदीना, प्याज और नींबू का रस मिलाकर पिलाने से लाभ मिलता है।
१५. पेट की मरोड़, खट्टी डकारों के लिए को पुदीना को पानी में पीसकर भुना जीरा, नींबू ,सेंधा नमक मिलाकर पीना हितकर है।
१६. कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रण में रखने के लिए इसका प्रयोग बहुत हितकर है।
१७. सर्दी जुखाम नजला के लिए इस के रस में काली मिर्च, काला नमक मिलाकर उबालकर चाय की तरह पीने से आराम मिलता है।
१८. महिलाओं को महावारी सही समय पर ना हो तो पुदीना को सुखाकर पत्तियों के चूर्ण को शहद के साथ कुछ दिनों लेना लाभकारी है।
१९. चेहरे की झुर्रियों को कम करने के लिए इसका रस मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर लेप करना हितकर है।
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